मां सीता के पद चिन्हों पर चले तो परिवार में बिखराव की नौबत नहीं आएगी – डॉ. सिकरवार

राजपूत सत्संग मंडल का वार्षिक परायण व सम्मान समारोह संपन्न
उज्जैन। पूर्व आईजी डॉ. रमण सिंह सिकरवार ने कहा कि आज परिवारों में बिखराव इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि ससुराल और मायके के बीच की कड़ी टूट रही है। यदि परिवारों को बचाना है तो हमारी बच्चियों को रामचरितमानस के उस प्रसंग को याद रखना चाहिए जिसमें सीताजी की दूरदर्शिता और ससुराल के प्रति स्नेह बताया गया है। रामजी को वनवास हुआ था। मां सीता भी उनके साथ वन को गईं। मां सीता ने अपने मायके वालों को यह नहीं बताया कि उनके पति को वनवास मिला और वह भी उनके साथ जा रही हैं। आज स्थिति यह है कि शादी के बाद छोटी-छोटी बातें अपने मायके वालों को बताती हैं। इसलिए दोनों परिवारों में गलत-फहमी उत्पन्न होती है और बिखराव की नौबत आती है।
डॉ. सिकरवार राजपूत सत्संग मंडल द्वारा आयोजित रामचरित मानस पाठ के वार्षिक परायण एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। दशहरा मैदान उज्जैन स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ समाजसेवियों के अलावा प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।
समाज में इन्हें सम्मानित किया
कार्यक्रम के संयोजक नरेशसिंह भदौरिया ने बताया कि राजपूत सत्संग मंडल की ओर से पूर्व आईजी डॉ. सिकरवार एवं अन्य अतिथियों ने दिनेशप्रतापसिंह बैस, रामअवतारसिंह तोमर, छबिनंदन सिंह चौहान, मनवीरसिंह तोमर, रणविजयसिंह कुशवाह, पं. प्रभुदयाल पाठक के अलावा प्रतिभाशाली भावना भदौरिया, समीक्षा भदौरिया, कृतिका त्रिपाठी, निखिलसिंह बैस, वंशिका भदौरिया, रूद्रवर्धनसिंह भदौरिया, सौम्या तोमर, वर्णिका कुशवाह, निधि सिकरवार, हर्षवर्धन, राजवर्धन को सम्मानित किया।
आयोजन में इनकी उपस्थिति रही
कार्यक्रम में डॉ. रामअवतारसिंह कुशवाह, सुरेंद्रसिंह तोमर, दिनेश प्रतापसिंह बैस, रतनसिंह भदौरिया, किशोरसिंह भदौरिया, विजेंद्रसिंह कुशवाह, वीरेंद्रसिंह परिहार, मनोजसिंह भदौरिया, सुंदरसिंह भदौरिया, छोटेसिंह भदौरिया, शिवेंद्रसिंह भदौरिया, सूर्यपाल सिंहजी कुशवाह, नवीनसिंह तोमर, ओमवीर सिंह भदौरिया, सर्वेशसिंह भदौरिया, रघुवीरसिंह बैस, बलवीरसिंह पंवार, उदयपालसिंह सेंगर, महिपालसिंह पंवार, किशनसिंह सिकरवार, रामकिशनसिंह भदौरिया, यतेंद्रसिंह तोमर सहित कई क्षत्रिय बंधु मौजूद थे।